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|लेखक होना इतना आसान नहीं होता|

लेखक होना इतना आसान भी नहीं होता  लेखक होना इतना आसान नही होता “लेखक” ये जितना छोटा शब्द है उसका उतना ही गहरा और व्यापक अर्थ है। नहीं, नहीं मैं अपने बारे में कुछ नहीं कहने वाली क्योंकि अब तक मैने खुद को लेखक के रूप में पूर्णतः स्वीकार नहीं किया है। लिखती...

|दिए की रौशनी|

दिए की रौशनी   दिए की रौशनी उस निःस्वार्थ प्रेम की तरह होती है जो किसी से बदले में कुछ नहीं मांगती। अपनी मद्धिम सी रौशनी से वो जीवन का एहसास दिलाती है। लेकिन कभी – कभी जब हवा किसी तूफान का रूप ले लेती है तो यही दीया किसी हाथ से उम्मीद करता है कि वो हाथ इसे...

| वो परिंदा |

वो परिंदा…!!! एक खुला आसमान और बिना बंधन का परिंदा कोई डर नहीं फिर भी रहता है सहमा हुआ सा पंख अपने बांध रखे थे हमेशा एक दायरे में थोड़ा सा उड़कर लौट आता वो अपने पिंजरे में कभी खुद को उन्मुक्त का एहसास ना होने दिया जो दूर था दूर ही रखा कभी पास ना आने दिया अचानक...